राष्ट्रीय तिरंगा दिवस पर कविता और हार्दिक शुभकामनाएँ संदेश हिन्दी में | राष्ट्रीय तिरंगे झण्डे पर कविता | Poem On National Flags Days In Hindi | Rashtriya Tiranga Jhanda Diwas Par Kavita
राष्ट्रीय तिरंगा दिवस पर कविता और हार्दिक शुभकामनाएँ संदेश हिन्दी में | राष्ट्रीय तिरंगे झण्डे पर कविता | Poem On National Flags Days In Hindi | Rashtriya Tiranga Jhanda Diwas Par Kavita :-
जब तिरंगा झंडा हवा में लहराता है तो हर भारतीय को गर्व महसूस होता है और देशभक्ति भावना जाग्रत होती है। तिरंगा झंडा जिसका अनुपात 3 : 2 होता है। तिरंगे झंडे में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफ़ेद और नीचे हरे रंग की एक बराबर पट्टियां होती है। तिरंगा झंडा फहराने की ख़ुशी के उपलक्ष्य में हमने कुछ Tiranga kavita , तिरंगा पर कविता (26 January Tiranga Poems in Hindi) जो आप के कार्यक्रम की सोभा बढ़ाने का काम करेगी। आशा हैं यह संग्रह आपको बहुत पसंद आएगा, साथ ही आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी साझा करेंगे।
लाल रंग वीरों की पहचान,
सफेद रंग सच्चाई, ईमानदारी का मान।
हरा रंग किसानों की हरियाली का जान,
बीच में चक्र प्रगति का निशान।
हाथ में तिरंगा मन में शान,
हीरा - मोती, सोना - कोईला बड़ा महान।
दिल्ली - मुम्बई, कोलकता देश के बड़ा जोन,
लहर - लहर फहरे तिरंगा देश के महान।
गांधी, नेहरू सुभाष दे गये निशान
जब-जब पुकारे गांधी चले वीर जवान।
गर्व है हमें देश के लिए लुटा दी जान,
तिरंगा हमेशा उच्चा रहे यही मेरी पहचान।
अंग्रेज के शोषण से जनता तंग,
बापु के भाषण से गोरे बेदंग।
कोट, कचहरी, जेल-सेल सब बंग-भंग।
सुभाष के निती से सबजन दबंग।
हिन्दूु - मुस्लिम - सिख -इसाई आपस मे भाई - भाई।
यही काम को करने को कबीर ने बीड़ाा उठाई।
आगे चलकर महात्मा गांधी ने चलाई।
सभी जाति के लोग तिरंगे के सामनें ही कसम खाई।
खेत खलिहान किसानों ने छोडी।
कर्मचारी शिक्षक्षक सीधी जनता से जुडी।
गोरे का स्तम्भ डोलने लगा।
किसान मजदूर ने एसी आंधी लाई, गोरे देश छोड़ भागने लगे।
आदरणीय पाठकगण,
मैं अपने 'तिरंगा' कविता की रचना 'हिन्दी Express' के माध्यम से पेश किया हूं, आशा हैं आपको पसंद आएगी। हमारे संकलन को प्रकाशित करने के लिए 'हिन्दी Express' को बहुत - बहुत धन्यवाद।
आपका - कैलाश कुमार
ग्राम + पोस्ट - पोटमदगा
थाना - रजरप्पा
जिला - रामगढ़ ( झारखंड )
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आपके द्वारा लिखा हुआ गीत, कविता, कहानी, शायरी, निबंध या भाषण जो संदेश देने योग्य हो जिसे परिवार के साथ मिल बैठकर पढ़ा जा सके तो उसे हमें अवश्य भेजे।
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