शाम / संध्या पर शेर शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता | Best Shaam Shayari, Status, Quotes, Poetry & Thoughts
शाम / संध्या पर शेर शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता | Best Shaam / Evening Shayari, Status, Quotes, Poetry & Thoughts :-
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तुम ना लगा पाओगे अंदाज़ा मेरी तबाही का,
तुमने देखा ही कहां है मुझे शाम होने के बाद।
होती है शाम आंख से आंसू रवां हुए,
ये वक़्त कैदियों की रिहायी का वक़्त है।
एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम,
और आज कई बार बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती हैं।
रात सारी तड़पते रहेंगे हम अब,
आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को।
है शाम को मिलने का वादा किसी का,
उस सूरज से बोलो जल्दी डूब जाए।
ख़्वाबों के पंछी कब तक शोर करेंगे पलकों पर,
शाम ढलेगी और सन्नाटा शाखों पर हो जाएगा।
कँपकँपाती शाम ने कल माँग ली चादर मेरी,
और जाते-जाते जाड़े को इशारा कर दिया।
वो न आएगा हमें मालूम था इस शाम भी,
इंतज़ार उस का मगर कुछ सोच कर करते रहे।
ये इंतजार ग़लत है की शाम हो जाए,
जो हो सके तो अभी दौर-ऐ-जाम हो जाए।
शायर कहकर बदनाम ना करना मुझे दोस्तो,
मै तो रोज शाम को दिनभर का हिसाब लिखता हूं।
ये ढलती शाम किसी अंत की शुरुवात नहीं,
यह एक संगम हैं जो जीवन के हर रूप को दिखाता हैं।
यूँ तो हर शाम उम्मीदों में गुज़र जाती है,
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया।
मुद्दत से एक रात भी अपनी नहीं हुई,
हर शाम कोई आया उठा ले गया मुझे।
साक़िया एक नज़र जाम से पहले पहले,
हम को जाना है कहीं शाम से पहले पहले।
वो रोज़ देखता है डूबते हुए सूरज को फ़राज़,
काश मैं भी किसी शाम का मँज़र होता।
उसने पूछा कि कौनसा तोहफा है मनपसंद?
मैंने कहा वो शाम जो अब तक उधार है।
जिसमें न चमकते हों मोहब्बत के सितारे,
वो शाम अगर है तो मेरी शाम नहीं है।
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