कारगिल विजय दिवस पर शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता एवं हार्दिक शुभकामनाएँ संदेश | कारगिल विजय दिवस पर शहीद जवानों को श्रध्दा सुमन अर्पित एवं श्रध्देय श्रद्धांजलि समर्पित शायरी संदेश इन हिन्दी | Kargil Vijay Diwas Shayari, Status, Quotes, Wishes, Poetry & Thoughts In Hindi For Facebook & Whatsapp
कारगिल विजय दिवस पर शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता एवं हार्दिक शुभकामनाएँ संदेश | कारगिल विजय दिवस पर शहीद जवानों को श्रध्दा सुमन अर्पित एवं श्रध्देय श्रद्धांजलि समर्पित शायरी संदेश इन हिन्दी | Kargil Vijay Diwas Shayari, Status, Quotes, Wishes, Poetry & Thoughts In Hindi For Facebook & Whatsapp :-
आज 26 जुलाई है आज ही के दिन भारत ने कारगिल पर विजय प्राप्त की थी। साल 1999 को आज ही के दिन भारतीय सेना के जवानों ने कारगिल पर पाकिस्तानी सेना की कब्ज़ा करने की योजना को पूरी तरह से ख़त्म कर कारगिल पर विजय प्राप्त की थी। इस युद्ध में भारत ने अपने कई वीर जवानों को हमेशा के लिए खो दिया। कारगिल दिवस के मौके पर आज देश भारत के शहीद जवानों को अपनी नम आँखों से श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। इस अवसर पर आपके लिए कारगिल विजय दिवस से जुड़ी कुछ शेरों-शायरी, मैसेज, कोट्स और इमेज आदि इस पोस्ट में शेयर कर रहे है इन्हे आज अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लगा सकते है और अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते है।
मैं जली हुई राख नहीं, अमर दीप हूं,
जो मिट गया वतन पर, मैं वो शहीद हूं।
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त,
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी।
हम ख़ून की क़िस्तें तो कई दे चुके लेकिन,
ऐ ख़ाक-ए-वतन क़र्ज़ अदा क्यूँ नहीं होता।
तेरे शहीद को दूल्हा बना हुआ देखा,
रवाँ जनाज़े के पीछे बरात कितनी है।
जलाने वाले जलाते ही हैं चराग़ आख़िर,
ये क्या कहा कि हवा तेज़ है ज़माने की।
वतन की ख़ाक ज़रा एड़ियाँ रगड़ने दे,
मुझे यक़ीन है पानी यहीं से निकलेगा।
शहादत की ख़ुशी ऐसी है मुश्ताक़-ए-शहादत को,
कभी ख़ंजर से मिलता है कभी क़ातिल से मिलता है।
उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता,
जिस मुल्क की सरहद की निगेहबान हैं आँखें।
पहरेदार हिमालय के हम, झोंके हैं तूफ़ान के,
सुनकर गरज हमारी सीने फट जाते चट्टान के।
आज फिर एक सिपाही जंग में शहीद हो गया,
जीते जीते अपनी साँसे हमारे नाम कर गया।
ऐ मातृभूमि तेरी जय हो, सदा विजय हो,
प्रत्येक भक्त तेरा, सुख शांति कांतिमय हो।
मात देते अपने साहस से, दुश्मन की हर एक चाल को,
तिलक करते अपने लहू से, भारत माँ के भाल को।
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