चाय पर शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता इन हिन्दी | Best Chai Shayri, Status, Quotes, Poetry & Thoughts | Tea Shayri Status
चाय पर शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता इन हिन्दी | Best Chai Shayri, Status, Quotes, Poetry & Thoughts | Tea Shayri Status :-
क्या आप ने कभी सोचा है अगर चाय न होता तो सुबह की शुरुआत कैसे होती? बहुत से लोगों के दिन की शुरुआत गरमा-गरम चाय से ही होती हैं, ऐसे लोगों को अगर दिन की शुरुआत में अच्छी चाय नहीं मिले तो उनका पूरा दिन बेकार जाता हैं। लोगों का मानना हैं और यह सही भी हैं कि साथ में बैठकर चाय पीने से प्यार बढ़ती हैं। कुछ खास मौकों पर तो चाय पीने का एक अलग ही मज़ा हैं। जैसे बारिश का मौसम हो और साथ में पकौड़े खाने को मिल जाये तो बात ही कुछ और हैं। साथ ही वही चाय जब अपने प्रेमी/प्रेमिका द्वारा बनाई हो तब तो उसका मज़ा दुगुना हो जाता हैं।
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चाय पर शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता इन हिन्दी | Best Chai Shayri, Status, Quotes, Poetry & Thoughts | Tea Shayri Status :-
चाय☕, शायरी, और तुम्हारी यादे।
भाते बहुत हो, दिल ❤जलाते बहुत हो।।
इश्क़ और सुबह की चाय☕ दोनों एक समान होती हैं,
हर बार वही नयापन, हर बार वही ताज़गी।
ठंड बहुत है
कोई ज्ञान नहीं बांटेगा,
जिसको बांटनी है चाय☕ बांटो
उफ्फ चाय☕ की तरह
चाहा है मैने तुझे,
और तुने बिस्कुट की तरह
डुबो दिया अपनी यादो मे मुझे।
मेरी चाय☕️ आज फिर से ज़्यादा मीठी हो गई,
कितनी बार कहा है कि बार बार तुम याद ना आया करो।
आपकी एक चाय☕, इस शाम पर उधार है😊
फ़ुर्सत मिले तो एक
हल्की सी हँसी के साथ
कभी पिला जाना।
मैं पीसती 👉रही इलायची, अदरख, दालचीनी,
पर महक चाय☕ से तेरी यादों की आयी।
सुनो, कभी आओ ना मेरे घर चाय ☕पर बैठ
साथ💑 बाते करेगे कुछ मेरी कुछ तुम्हारी
उन्होंने👰 कहा चाय☕ में चीनी कितनी लीजियेगा,
हमने👨 कहा बस एक घुट☝ पी के दीजियेगा।
सुनो मुझे चाय☕ पीने का मन हैं,
क्या तुम्हारे घर🏠 आ जाऊ?
किस हक👰 से तुझे चाय☕ पर बुलाऊं,
तुम👨 मेरे होने का कभी दावा तो करो।
ताउम्र जलते👉रहे हैं धीमी धीमी आँच पर,
तभी ये इश्क़❤ और चाय☕ मशहूर हुए हैं?
शादी उसी👉 लड़की👰 से करूँगा,
जो सुबह🌞 उठते ही पूछे जानू चाय☕ दूँ या पप्पी💋?
निकली👉थी मुहब्बत☕की तलाश में,
ठंड बहुत थी चाय ☕पीकर वापस आ गयी।
किसको बोलो हेल्लो🙋? किसको बोलू हाय✋,
हर टेंशन का एक ही हल👉 अदरख वाली चाय☕।
आज तो चाय☕ पीने आ जाओ,
इतनी धुंध में भला कौन👀 दिखेगा।
हर घुट में तेरी☝ याद बसी,
कैसे कह दूँ चाय☕ बुरी हैं।
हमें तुमसे👰 इतनी मोहब्बत है,
जितनी काली चाय☕ को दूध से।
ये चाय☕ की मोहब्बत तुम👰 क्या जानो,
हर एक घूँट में एक अलग☝ ही नशा है।
इश्क गर्म चाय☕...और दिल❤ पारले जी!
जीतना डुबो उतना टूटें!
#चाय☕हो या #चाहत,
दोनो #स्ट्रोंग☝ ही #अच्छी लगती हैं!
ख़बर तब फैली मोहल्ले में 💑तेरे-मेरे इश्क़❤की,
जब मेरे चाय☕ के कप पर तेरे होंठों💋 के निशान मिले।
सुनो मुझे आज की चाय☕,
तुम्हारे👰 होठो💋 से पीनी हैं।
सुनो जान आज मौसम🚞 सुहाना हैं
क्या चाय☕पकोड़े के साथ तुम्हारा👰 प्यार मिलेगा?
चाय☕ की चुस्की के साथ अक्सर कुछ गम भी पीता हूँ,
मिठास कम है जिंदगी में मगर जिंदादिली☝से जीता।
मैंने देखा👀ही नहीं कोई मौसम,
मैंने चाहा है तुम्हें चाय☕की तरह।
मिलो कभी चाय☕ पर फिर क़िस्से बुनेंगे,
तुम👰 ख़ामोशी से कहना हम👨चुपके से सुनेंगे।
असल जिंदगी☝ वही जीते हैं
जो चाय☕ पीते हैं।
जुर्म एक संगीन किया जाए आप👫के साथ,
सुबह🌞को रंगीन किया जाए चाय☕के साथ।
जिसका हक है उसी☝का रहेगा,
मोहब्बत चाय☕नही जो सबको पिला दी जाए।
कलम✒कागज़📖और एक कप चाय☕ हो,
वक्त☝गुजारने का बस यही उपाय हो।
ये “इश्क” गरम चाय☕कि तरह है दोस्त,
फुंक कर पीना☝वरना “जल” जाओगे।
चंद☝लम्हों को सदियों में जीना है,
मुझे तुम्हारे होठो👄से लगी चाय☕पीना है।
कुछ लोग☝गरम चाय☕नहीं पीते है,
ना जाने वो लोग कैसे जीते है।
जब वो👰अपने हाथों से चाय☕बनती है,
चाय☕बड़ी गरम और कड़क हो जाती है।
दिल💔टूटा तो बहुत सारे रिश्तों को भी तोड़ा,
बड़ी मोहब्बत थी चाय☕से भी, इसे भी छोड़ा।
चाय☕पीते वक्त चर्चा और गर्लफ्रेंड💑 बनाते वक्त खर्चा,
हम👨बिल्कुल नहीं करते है इसलिए खुश रहते है।
मान लो मेरी👨राय,
इश्क से बेहतर है चाय☕।
न चाय☕से हुई, न कॉफ़ी☕ से हुई,
हमारी दोस्ती की शुरुआत टॉफ़ी🎁 से हुई।
लहजा☝जरा ठंडा रखे जनाब,
गर्म तो हमे सिर्फ चाय☕ पसंद है।
जितना अच्छा तुम मुँह😔 बनती हो,
काश तुम चाय☕ भी उतना ही अच्छा बनाती।
आओ साथ💏 बैठकर चाय☕पीते है,
सुना👂 है, साथ💑 में पीने से चाहत❤बढ़ती है।
मेरे☺ जज्बातों का कोई तो सिला दो,
कभी घर बुला के चाय☕ तो पिला दो।
छोड़ जमाने की फ़िक्र यार👷,
चल किसी नुक्क्ड़ पे चाय☕ पीते है।
जज्बातों😮जरा सरक कर बैठों,
आज चाय☕पर इतवार को बुलाया है।
सुबह🌞 की चाय☕से भी वो ताजगी नहीं आती है,
जो सुबह🌞में तेरी👰एक झलक पा जाने में आती है।
इश्क❤चाय☕का इस कदर हावी है,
दिमाग ताला है और चाय☕ चाबी है।
जब सुबह-सुबह🌞 तेरे प्यार के नग्में को गुनगुनाता हूँ,
लब मुस्कुराते है जब चाय☕ का कप उठाता हूँ।
सभी सिसकियों की हाय लाया हूँ,
अहल-ए-गम बैठों जरा मैं चाय☕लाया हूँ।
वो पल भी कोई पल है,
जिस पल में तेरा👰 एहसास न हो,
वो चाय ☕फिर चाय कैसी
जिसमें तेरे होंठो 💋सी मिठास न हो।
दोबारा गर्म की हुई चाय☕ और
समझौता किया हुआ रिश्ता☝
दोनों में पहले जैसी
मिठास 👀कभी नही आती।
तेरी यादों का नशा है मुझे चाय☕ की तरह,
सुबह सबसे पहले तेरी👰 ही याद आती हैं।
चाय☕ के बाद दूसरा रंग तुम्हारा👸 है,
जो मुझे साॅवला अच्छा लगता है।
बैठे चाय☕ की प्याली लेकर पुराने किस्से गरम करने,
चाय☕ ठंडी होती गई और आँखें😢 नम।
सुनो तुम चाय☕अच्छी बनाती हो,
पर मुंह😛बनाने में भी तुम्हारा कोई जवाब नहीं।
चाय☕ दूसरी एसी चीज़ है जिससे आँखें👀खुलती है,
धोखा अभी भी पहले☝ नम्बर पर है ।
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