बिंदी / बिंदीया पर शायरी, स्टेटस, कोट्स एवं कविता | Best Bindiya Shayari, Status, Quotes, Poetry & Thoughts
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दूर है आँखों से जाने कब से मेरी निंदिया,
याद आते हैं मुझे तेरे झुमके तेरी बिंदिया
मुझे पसंद है हम भारतीयों की हिंदी,
सूट सलवार पर आज भी लगा लेती हूं छोटी सी बिंदी।
कभी काजल कभी बिंदिया कभी चूड़ी कभी कजरा,
मुझे ज़ख़्मी किया ज़ालिम तेरे इन्ही हथियारो ने।
अपने माथे पे ये बिंदिया की चमक रहने दो,
ये सितारा मुझे मंज़िल के पता देता है।
चूड़ी, कंगन, काजल, झुमके,
और गले का हार रहने दो।
पर ज़ुल्फ़ों को तुम खोल दो,
और माथे की बिंदिया रहने दो।।
तुम्हे सजने सवरने की जरूरत ही नही है,
तुम्हारी नथ ओर बिंदी ही काफी है कहर मचाने के लिए।
उसके झुमकों से दिल अभी संभला ही था कि फिर बिंदी लगा ली उसने।
Woq
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