शहर पर शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता | Best Shahar / City Shayari, Status, Quotes, Poetry & Thoughts
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तेरे संग घूमता रहा मैं तेरे इस शहर में,
तेरे जाने के बाद ये शहर मुझे ढूंढता है।
माना मैं तुम्हारे नए शहर की पुरानी इमारत ही सही,
लोग आज भी मुझमें अपना बीता हुआ कल ढूंढते हैं।
शहर बतलते है,
जज़्बात वही रहते है।
एक दुसरे को उसी में देख लेंगे,
तेरे शहर का चाँद मेरे शहर में भी निकलता हैं।
गाँव से शहर आये किसान ने क्या खूब कहा,
वहाँ फसले खराब है, और यहाँ नस्लें।
तुम्हारे शहर में होगी जगमग सितारों की रोशनी,
लेकिन मेरे गाँव सा सुकून यहाँ नही।
मेरे होने ना होने से उसे क्या फर्क पड़ता है,
वो अपने आप मे पूरे एक शहर के बराबर है।
सड़क तुम अब आई हो गाँव,
जब सारा गाँव शहर जा चुका है।
कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से,
ये नए मिजाज का शहर है जरा फ़ासले से मिला करो।
यूँ खुद की लाश अपने काँधे पर उठाये हैं,
ऐ शहर के वाशिंदों हम गाँव से आये हैं।
तमाम रात नहाया था शहर बारिश में,
वो रंग उतर ही गए जो उतरने वाले थे।
तुम्हारे शहर में मय्यत को सब कान्धा नहीं देते,
हमारे गांव में छप्पर भी सब मिल कर उठाते हैं।
शहर को बर्बाद करके रख दिया उस ने “मुनीर”
शहर पर यह ज़ुल्म मेरे नाम पर उसने किया।
मैं फूल चुनती रही और मुझे ख़बर न हुई,
वो शख़्स आ के मेरे शहर से चला भी गया।
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