फासला / दुरियाँ पर शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता | Best Fasla / Dooriyan Shayari, Status, Quotes, Poetry & Thoughts
फासला / दुरियाँ पर शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता | Best Fasla / Dooriyan Shayari, Status, Quotes, Poetry & Thoughts :-
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कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से,
ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो।
फ़ासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था,
सामने बैठा था मेरे और वो मेरा न था।
पहले हम ने घर बना कर फ़ासले पैदा किए,
फिर उठा दीं और दीवारें घरों के दरमियाँ।
बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना,
जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता।
इन्ही पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ,
मेरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है।
ज़लज़ले यूं ही बेसबब नहीं आते,
कोई दीवाना तह-ए-खाक तड़पता होगा।
आदत मेरी अंधेरों से डरने की डाल कर,
एक शख्स मेरी ज़िन्दगी को रात कर गया।
होंठों के पास आ न सका जाम उम्र-भर,
हालाँकि फ़ासला ये कोई फ़ासला न था।
कुछ तो मजबूरियां रही होंगी यूं कोई बेवफा नही होता,
टटोल कर देखो अपने दिल को हर फासला बेवजह नहीं होता।
चंद फासला जरूर रखिए हर रिश्ते के दरमियान,
क्योंकि बदलने वाले अक्सर बेहद अजीज ही हुआ करते हैं।
फासला भी ज़रूरी है चिराग रोशन करते वक्त,
तजरुबा यह हाथ आया हाथ जल जाने के बाद।
कहानी खत्म हुई और ऐसी खत्म हुई,
कि लोग रोने लगे तालियाँ बजाते हुए।
बिन मांगे ही मिल जाती है मोहब्बत किसी को,
और कोई हजारो दुआओं के बाद भी खाली हाथ ही रह जाता है।
अजब हाल है मेरी तबियत का आजकल मुझे ख़ुशी ख़ुशी नही लगती और गम बुरा नही लगता है।
फासला रख के भी क्या हासिल हुआ,
आज भी उस का ही कहलाता हूँ मैं।
यूँ तो बहुत से हैं रास्तें, मुझ तक पहुंचने के,
राह-ऐ-मोहब्बत से आना, फासला कम पड़ेगा।
फासला अब भी दो क़दमों का ही है,
पहले कदम कौन बढ़ाए, तय ये नहीं है।
फासला इश्क़ की शिद्दत को बढ़ा देता है,
इसलिए रब ने मुझे तुझसे दूर रखा है।
दूरियाँ बढ़ी तो दिल से भी दूर जाने लगे,
अब तो वो हाल-ए-दिल बताने में भी कतराने लगे।
इतनी दूरियाँ ना बढ़ाओ थोड़ा सा याद ही कर लिया करो,
कहीं ऐसा ना हो कि तुम-बिन जीने की आदत सी हो जाए।
मुझसे दूरियाँ बनाकर तो देखो,
फिर पता चलेगा कितना नज़दीक हूँ मैं।
मैं लोगों से मुलाक़ातों के लम्हें याद रखता हूँ,
मैं बातें भूल भी जाऊं पर लहज़े याद रखता हूँ,
जरा सा हट के चलता हूँ ज़माने की रवायत से,
जो सहारा देते हैं वो कन्धे हमेशा याद रखता हूँ।
वो छोड़ के गए हमें;
न जाने उनकी क्या मजबूरी थी;
खुदा ने कहा इसमें उनका कोई कसूर नहीं;
ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी।
करीब आने की कोशिश तो मैं करूँ लेकिन,
हमारे बीच कोई फ़ासला दिखाई तो दे।
मुलाकातों में ज़रा फासला रखिये,
बेताबियों से इश्क़ खूबसूरत होता है।
साफ़ साफ़ कह दो अगर कोई गिला है तो,
फासला फ़ैसले से बेहतर है।
ठुकराया हमने भी बहुतों को है तेरी खातिर,
तुझ से फासला भी शायद उनकी बददुआओं का असर है।
चाँद से नजदीकियां बढ़ने लगी है,
आदमी में फासला था, फासला है।
फासला इस लिये रखा मैंने,
वो करीब था हर किसी के।
फासले बढते हैं तो गलत-फहमीयां भी बढ जाती हैं,
फिर वो भी सुनाई देता है जो कहा भी ना हो।
तूने फैसले ही फासले बढाने वाले किये थे,
वरना कोई नहीं था तुझसे ज्यादा करीब मेरे।
हम बहुत दूर निकल आये हैं चलते चलते,
अब ठहर जाएँ कहीं शाम के ढलते ढलते,
रात के बाद सहर होगी मगर किस के लिए,
हम भी शायद न रहें रात के ढलते ढलते।
ये दूरियाँ तो मिटा दूँ मैं एक पल में मगर,
कभी कदम नहीं चलते कभी रास्ते नहीं मिलते।
तुझसे दूर रहकर कुछ यूँ वक़्त गुजारा मैंने,
ना होंठ हिले फिर भी तुझे पल-पल पुकारा मैंने।
तुम कितने दूर हो मुझसे मैं कितना पास हूँ तुमसे,
तुम्हें पाना भी नामुमकिन तुम्हें खोना भी नामुमकिन।
मैं अमन सिंह आपका स्वागत करता हूं अपने इस ब्लॉग पर, आपको यहां बहुत ही खूबसूरत शायरियों का कलेक्शन मिलेगा। मैं आशा करता हूं आपको ये शायरियां पसंद आयेगी।
धन्यवाद।।
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