बेवफा शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता | बेवफाई सैड शायरी | Best Bewafa Shayari, Status, Quotes, Poetry & Thoughts | Sad Bewafai Shayri
बेवफा शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता | बेवफाई सैड शायरी | Best Bewafa Shayari, Status, Quotes, Poetry & Thoughts | Sad Bewafai Shayri :-
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अपने तजुर्बे की आज़माइश की ज़िद थी,
वर्ना हमको था मालूम कि तुम बेवफा हो जाओगे।
नज़ारे तो बदलेंगे ही ये तो कुदरत है,
अफ़सोस तो हमें तेरे बदलने का हुआ है।
उस बेवफ़ा को न प्यार निभाना आया,
दिल की दौलत को यूं ही लुटाना आया,
वो मिल रहा था गैरों से बड़े सलीके से,
मेरी मय्यत पे भी मुझको जलाने आया।
अगर रो पड़े किसी दिन तेरे सामने,
तो समझ लेना वो मेरे बर्दाशत की आखिरी हद थी।
माफ कीजिएगा दोस्त बात कड़वी है,
आज की मोहब्बत जिस्म मांगती है।
वो मिली भी तो क्या मिली बन के बेवफा मिली,
इतने तो मेरे गुनाह ना थे जितनी मुझे सजा मिली।
बहुत अजीब हैं ये मोहब्बत करने वाले,
बेवफाई करो तो रोते हैं और वफा करो तो रुलाते हैं।
रुशवा क्यों करते हो तुम इश्क़ को, ए दुनिया वालो,
महबूब तुम्हारा बेवफा है, तो इश्क़ का क्या गुनाह।
सुनो एक बार और मोहब्बत करनी है,
तुमसे लेकिन इस बार बेवफाई हम करेंगे।
तेरी बेवफाई का सौ बार शुक्रिया,
मेरी जान छूटी…इश्क़-ऐ-बवाल से।
उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा?
दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है।
चर्चा हो रही थी मोहब्बत लिखने वालो की,
स्याही भटक गई तेरा नाम लिखते लिखते।
मैं नहीं हूं बेवफा मेरा ऐतबार कर ले,
दे दे मुझे दर्द या फिर प्यार कर ले।
मेरी गलतियों को इग्नोर कर दिया करें,
उखाड़ तो वैसे आप मेरा कुछ नहीं सकते।
किसी को बताने से मेरे अश्क़ रुक ना पायेंगे,
मिट जायेगी जिंदगी मगर ग़म धुल न पायेंगे।
वो साथ थी तो मानो जन्नत थी जिंदगी दोस्तों,
अब तो हर सांस जिंदा रहने कि वजह पूछती है।
नहीं चाहिये तेरे दुकान से कुछ भी ऐ इश्क़,
हर चीज में मिलावट है बेवफाई की।
दिल मजबूर हो रहा है तुम से बात करने को,
जिद ये है की पहले गुफ्तगू का आगाज तुम करो।
अब इश्क भी करो तो ज़ात पूछकर करना यारो, मज़हबी झगड़ो में मोहब्बत हार जाती है।
बेखबर, बेवजह बेरुखी ना किया कर,
कोई टूट जाता है तेरा लहजा बदलने से।
बिखर जाते हैं..... सर से पाँव तक, वो लोग...
जो किसी से बेपरवाह बे-पनाह इश्क करते है।
दर्द आँखों से निकला
तो सबने बोला कायर है ये,
जब दर्द लफ़्ज़ों से निकला
तो सब बोले शायर है ये।
मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदल के देख,
मुझसे भी बुरे है लोग तू घर से निकल के देख।
तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी,
बेवफा मैंने तुझको भुलाया नहीं अभी।
तेरी वफ़ा के तकाजे बदल गये वरना,
मुझे तो आज भी तुझसे अजीज कोई नहीं।
कैसे यकीन करे हम तेरी मोहब्बत का,
जब बिकती है बेवफाई तेरे ही नाम से।
जब तक न लगे बेवफ़ाई की ठोकर दोस्त,
हर किसी को अपनी पसंद पर नाज़ होता है।
मुझे मालूम है हम उनके बिना जी नहीं सकते,
उनका भी यही हाल है मगर किसी और के लिए।
जिसको आज मुझमे हजारो गलतिया नजर आती हैं,
कभी उसी ने कहा था तुम जैसे भी हो मेरे हो।
मेरी गलती बस यही थी के मैंने हर किसी को खुद से ज़्यादा जरुरी समझा।
जरूरी नहीं जो ख़ुशी दे उसी से मोहब्बत हो,
प्यार तो अक्सर दिल तोड़ने वाले से भी हो जाता है।
फिर से निकलेंगे तलाश-ए-ज़िन्दगी में,
दुआ करना इस बार कोई बेवफा न निकले।
अब देखिये तो किस की जान जाती है,
मैंने उसकी और उसने मेरी कसम खायी है।
मैं अमन सिंह आपका स्वागत करता हूं अपने इस ब्लॉग पर, आपको यहां बहुत ही खूबसूरत शायरियों का कलेक्शन मिलेगा। मैं आशा करता हूं आपको ये शायरियां पसंद आयेगी।
धन्यवाद।।
Achi he maza aa gya
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