किताब पर शेर - शायरी, स्टेटस, कोट्स, सुविचार एवंकविता हिन्दी में | Best Book Shayari, Status, Quotes, Slogans, Poetry & Thoughts In Hindi | 2 Line Kitab Shayari In Hindi
किताब पर शेर - शायरी, स्टेटस, कोट्स, सुविचार एवंकविता हिन्दी में | Best Book Shayari, Status, Quotes, Slogans, Poetry & Thoughts In Hindi | 2 Line Kitab Shayari In Hindi :-
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ना जाने कौन सा पन्ना आखिरी हो जाये,
जंग जीत गये तो किताब जरूर बनेंगे।
जहां में ढूंढ रहे हो तो इसे भूल कहो
फूल से लोग किताबों में मिला करते हैं।
रख दो किताबें छुपा के कहीं,
धूल ज़रा चेहरों पे भी पड़ने दो।
उसने पढ़ा मुझे महीनों तक,
फिर कहा, मैं पढ़ने लायक नहीं।
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिले,
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिले।
जिंदगी की किताब शायरी :-
मोहब्बत ही तो है लोग भूल जाते हैं दिल लगा के बड़े आराम से,
अक्सर हमने देखा है सूखे गुलाब को गिरते हुए किताब से।
किताबों सी हो गई है जिन्दगी हमारी,
पढ़ हर कोई रहा है समझ कोई नहीं रहा।
इस मोहब्बत की किताब के दो ही सबक याद हुए,
कुछ तुम जैसे आबाद हुए, कुछ हम जैसे बर्बाद हुए।
इश्क की किताब का ऊसूल है जनाब,
मुड़ कर देखोगे तो मोहब्बत मानी जायेगी।
पढ़ने वालों की कमी हो गयी है आज इस ज़माने में,
नहीं तो गिरता हुआ एक-एक आंसू पूरी किताब है।
किस्मत की किताब तो खूब लिखी थी खुदा ने,
बस वही पन्ना गम था जिसमें इश्क़ का जिक्र था।
यूँ ही नहीं जिंदगी के किताब को सबके सामने खोलता हूँ,
हार हो या जीत हर खेल को बड़ी शिद्दत से खेलता हूँ।
किताब के पन्ने शायरी :-
तेरी यादें अब उस बंद किताब में रखे सूखे फूल सी है,
जो न फेंक सकता हूँ आर न सम्भाल कर रख सकता हूँ।
इश्क की एक दास्ताँ लिखी जायेगी,
कॉलेज में किसी ने फिर किताब माँगा है।
किताब सी शख्सियत दे ऐ मेरे खुदा,
सब कुछ कह दूँ, खामोश रहकर।
अब जिन किताबों में मुहब्बत ढूँढ़ते हो तुम,
वैसी किताबें मैं बहुत पहले ही लिख डाला।
वक़्त मिले तो प्यार की किताब पढ़ लेना,
हर प्यार करने वाले की कहानी अधूरी होती है।
रात भर चलती रहती हैं उंगलियाँ मोबाइल पर,
किताब सीने पे रख कर सोये हुए जमाना हो गया।
यूँ ना पढिये कहीं कहीं से हमे,
हम इंसान है किताब नही।
इश्क की किताब शायरी :-
मुझको पढ़ पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं,
मै वो किताब हूँ जिसमे शब्दों की जगह जज्बात लिखे है।
किताब-ए-दिल का कोई भी पन्ना सादा नहीं होता,
निगाह उस को भी पढ़ लेती है जो लिखा नही होता।
कुछ पन्ने क्या फटे ज़िन्दगी की किताब के,
ज़माने ने समझा हमारा दौर ही ख़त्म हो गया।
जो पढ़ा है उसे जीना ही नहीं है मुमकिन,
ज़िंदगी को मैं किताबों से अलग रखता हूँ।
किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं,
अल्फ़ाज़ से भरपूर मगर ख़ामोश।
खड़ा हूँ आज भी रोटी के चार हर्फ़ लिए,
सवाल ये है किताबों ने क्या दिया मुझ को।
धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो,
ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो।
पुस्तक पर शायरी हिंदी में :-
वफ़ा नज़र नहीं आती कहीं ज़माने में,
वफ़ा का ज़िक्र किताबों में देख लेते हैं।
वाक़िये तो अनगिनत हैं मेरी ज़िंदग़ी के,
सोच रही हूं किताब लिखूं या हिसाब लिखूं।
नज्मों-गजल सी याद हैं हर इक बात तुम्हारी,
मेरी किताब में मेरा लिखा कुछ भी तो नही।
यूँ न पढिए कही कही से हमें,
हम इंसान हैं कोई किताब नहीं।
वो किताब लौटाने का बहाना तो लाखों में था,
लोग ढुँढते रहें सबूत, पैग़ाम तो आँखों मे था।
यूँ ना छोड़ जिन्दगी की किताब को खुला,
बेवक्त की हवा ना जाने कौन सी पन्ना पलट दे।
चेहरा खुली किताब है उनवान जो भी दो,
जिस रुख़ से भी पढ़ोगे मुझे जान जाओगे।
2 लाइन खुली किताब शायरी :-
जो एक लफ़्ज़ की ख़ुशबू न रख सका महफ़ूज़,
मैं उस के हाथ में पूरी किताब क्या देता।
इक उम्र हो गई है कि दिल की किताब में,
कुछ ख़ुश्क पत्तियों के सिवा कुछ नहीं रहा।
खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं,
हवा चले न चले दिन पलटते रहते हैं।
छुपी है अन-गिनत चिंगारियाँ लफ़्ज़ों के दामन में,
ज़रा पढ़ना ग़ज़ल की ये किताब आहिस्ता आहिस्ता।
तुम्ही ने साथ दिया ज़िंदगी की राहों में,
किताब-ए-उम्र तुम्हारे ही नाम करते हैं।
पढ़ता रहता हूँ आप का चेहरा,
अच्छी लगती है ये किताब मुझे।
तिरे बदन की लिखावट में है उतार चढ़ाव,
मैं तुझ को कैसे पढ़ूँगा मुझे किताब तो दे।
जिंदगी के पन्ने शायरी :-
बारूद के बदले हाथों में आ जाए किताब तो अच्छा हो,
ऐ काश हमारी आँखों में एक एसा ख़्वाब तो अच्छा हो।
अश्कों में पिरो के उस की यादें,
पानी पे किताब लिख रहा हूँ।
किधर से बर्क़ चमकती है देखें ऐ वाइज़,
मैं अपना जाम उठाता हूँ तू किताब उठा।
कागज़ में दब के मर गए कीड़े किताब के,
दीवाने बे पढ़े-लिखे मशहूर हो गए।
वो कटी फटी हुई पत्तियां, और दाग़ हल्का हरा हरा,
वो रखा हुआ था किताब में, मुझे याद है वो ज़रा ज़रा।
एक कहानी है हर शख़्स यहाँ यूँ तो,
बस हर क़िताब यहाँ खुली नहीं होती।
बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो,
चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे।
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