दर्द पर शेर - शायरी, स्टेटस, कोट्स एवं कविता इन हिन्दी | अपना दर्द शायरी | तेरा दर्द शायरी | सीने में दर्द शायरी | 2 लाइन दर्द शायरी | Best Dard Shayari, Status, Quotes, Poetry & Thoughts In Hindi
दर्द पर शेर - शायरी, स्टेटस, कोट्स एवं कविता इन हिन्दी | अपना दर्द शायरी | तेरा दर्द शायरी | सीने में दर्द शायरी | 2 लाइन दर्द शायरी | Best Dard Shayari, Status, Quotes, Poetry & Thoughts In Hindi :-
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अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा दें,
कुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए हैं।
बहुत दर्द हैं ऐ जान-ए-अदा तेरी मोहब्बत में,
कैसे कह दूँ कि तुझे वफ़ा निभानी नहीं आती।
कितना लुत्फ ले रहे हैं लोग मेरे दर्द-ओ-ग़म का,
ऐ इश्क़ देख तूने तो मेरा तमाशा ही बना दिया।
दिल से महसूस कर सकते हैं उस दर्द को,
जो तेरी कलम ने एक-एक करके तराशा है।
मुस्कुराने से भी होता है दर्द-ए-दिल बयां,
किसी को रोने की आदत हो ये जरूरी तो नहीं।
ये तो बस वही जाने जिसके दिल पर गुजरी हो,
तू क्या जाने दिल के दर्द और आंसुओं का रिश्ता क्या है।
सफ़ेद लिबास उसे बहुत पसंद था मगर,
आज जो हम कफ़न में लिपटे हैं, तो वो रोता क्यों है?
एक उम्मीद मिली थी तुम्हारे आने से अब वो भी टूट गई,
वफादारी की आदत थी हमें अब शायद वो भी छूट गई।
ये आपका चेहरा है या प्याज के छिलके,
एक चेहरा उतारा तो सौ और चेहरे मिले।
ना मिटा सकोगे मेरी यादों को दिल से,
तेरे दिल के किसी कोने में आज भी हूँ मैं।
कौन कहता है नफ़रतों मैं दर्द होता है,
कुछ मोहब्बत बड़ी कमाल की होती है।
मरता नहीं कोई किसी के बगैर ये हकीकत है ज़िन्दगी,
लेकिन सिर्फ सांस लेने को जीना तो नहीं कहते।
मत पूछा करो रात भर जागने की वजह हमसे,
मोहब्बत मैं कुछ सवालों के जवाब नहीं होते।
टूटता हुआ तारा सबकी दुआ पूरी करता है,
क्यों के उसे टूटने का दर्द मालूम होता है।
अश्कों का एक खुश्क दरिया बहता है मुझमें,
सैलाब है, मगर चुपचाप-सा रहता है मुझमें।
उसकी हँसी में छुपे दर्द को महसूस तो कर,
वो तो यूँही हँस हँस के खुद को सजा देता है।
शीशा तो टूट कर, अपनी कशिश बता देता है,
दर्द तो उस पत्थर का हैं, जो टुटने के काबिल भी नही।
दिल आबाद कहाँ रह पाए उस की याद भुला देने से,
कमरा वीराँ हो जाता है इक तस्वीर हटा देने से।
शिद्दते दर्द में ना आई कोई भी कमी,
दर्द फिर दर्द रहा ,उल्टा लिखा सीधा लिखा।
आज उसने एक बात कहकर मुझे रूला दिया,
जब दर्द बर्दाश्त नही कर सकते तो मोहब्बत क्यों की।
किन लफ़्ज़ों में बंया करूँ दर्द-ए-दिल को मैं,
सुनने वाले तो बहुत हैं, समझने वाला कोई नही।
वो लिखती रही कागज पे अपना दर्द ए दिल,
किसी को उसे पढ़कर उससे इश्क हो गया।
नींद तो दर्द के बिस्तर पे भी आ सकती है,
उनकी आग़ोश में सर हो ये ज़रूरी तो नहीं।
अगर मोहब्बत की हद नहीं कोई,
तो दर्द का हिसाब क्यूँ रखूं।
तुझे जब देखता हूँ तो खुद अपनी याद आती है,
मेरा अंदाज़ हँसने का कभी तेरे ही जैसा था।
देने आये हैं मेरे दर्द की कीमत मुझको,
इतने हमदर्द हैं न जाने क्यों लोग मेरे।
नसीहत अच्छी देती है दुनिया,
अगर दर्द किसी ग़ैर का हो।
आँखों में उमड़ आता है बादल बन कर,
दर्द एहसास को बंजर नहीं रहने देता।
रोज़ पिलाता हूँ एक ज़हर का प्याला उसे,
एक दर्द जो दिल में है मरता ही नहीं है।
रोज़ पिलाता हूँ एक ज़हर का प्याला उसे,
एक दर्द जो दिल में है मरता ही नहीं है।
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