हुस्न की तारीफ पर बेहतरीन शेर शायरी | Best Husn Shayari, Status, Quotes, Poetry & Thoughts
हुस्न की तारीफ पर बेहतरीन शेर शायरी | Best Husn Shayari, Status, Quotes, Poetry & Thoughts :-
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मुझको मालूम नहीं हुस़्न की तारीफ,
मेरी नज़रों में हसीन ‘वो’ है, जो तुम जैसा हो।
अब हम समझे तेरे चेहरे पे तिल का मतलब,
हुस्न की दौलत पे दरबान बिठा रखा है।
ये आईने ना दे सकेंगे तुझे तेरे हुस्न की खबर,
कभी मेरी आँखों से आकर पूछो के कितनी हसीन हों तुम।
मिलावट है तेरे हुस्न में “इत्र”और “शराब”
की,
तभी मैं थोड़ा महका हूं; थोड़ा सा बहका हूं।
नज़र इस हुस्न पर ठहरे तो आखिर किस तरह ठहरे,
कभी जो फूल बन जाये कभी रुखसार हो जाये।
तेरी सादगी का हुस्न भी लाजवाब है,
मुझे नाज़ है के तू मेरा इंतेख़ाब है।
आँखे झीलों की तरह होंठ गुलाबो जैसे,
अब भी होते है कई लोग किताबो जैसे।
जब से देखा हैं उन्हें मुझे अपना होश नहीं,
जाने क्या चीज़ वो नज़रो से मुझे पिला देतें है।
झुकी नज़रों में कयामत का असर होता है,
हुस्न कुछ और निखर जाता है शर्माने से।
अपने हसीन होठों को किसी परदे में छिपा लिया करो,
हम जरा गुस्ताख़ लोग है नजरों से चुम लिया करते है।
इतने हिजाबों पर तो ये आलम है हुस्न का,
क्या हाल हो जो देख ले पर्दा उठा के हम।
हो ना जाये गुस्ताखी हुस्न की शान में चले जाओ,
तुम्हें देख के बहुत प्यार आता है।
तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत ही क्या है,
कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद।
सोचता हु हर कागज पे तेरी हुस्न की तारीफ करु, फिर खयाल आया कहीँ पढ़ने वाला भी तेरा दीवाना ना हो जाए।
अपने शब्दों से ही समा जाऊंगा ज़हन में तुम्हारे,
वो निगाहें, वो हुस्न, वो मुलाकात की, जरूरत नही मुझे।
मोहब्बत को छोड़कर क्या नही मिलता बाजार में,
हुस्न जिस्म चुंबन वादा अदा जो मन करे खरीद लो।
तुम्हारी आँखों की तौहीन है ज़रा सोचो,
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है।
इश्क़ का ज़ौक़-ए-नज़ारा मुफ़्त में बदनाम है,
हुस्न ख़ुद बेताब है जल्वा दिखाने के लिए।
हुस्न को शर्मसार करना ही,
इश्क़ का इंतिक़ाम होता है।
ये तेरा हुस्न और कमबख्त अदायें तेरी,
कौन ना मर जाय,अब देख कर तुम्हें।
तेरा हुस्न बयां करना नहीं मकसद था मेरा,
ज़िद कागजों ने की थी और कलम चल पड़ी।
हुस्न वालों ने क्या कभी की खता कुछ भी,
ये तो हम हैं सर इल्ज़ाम लिए फिरते हैं।
कितनी तारीफ करूं उस जालिम के हुस्न की,
पूरी किताब तो बस उसके होठों पर ही खत्म हो जाती है।
उसके हुस्न की तारीफ फ़क़त इतनी सी है,
जहाँ से गुजर जाए,लोग मिसाल देते है।
ढाया खुदा ने ज़ुल्म हम दोनों पर,
तुम्हें ‘हुस्न’ और मुझे ‘इश्क’ देकर।
गए थे उनके हुस्न को बेनकाब करने,
खुद उनके इश्क का नकाब पहनकर आ गए।
लोग समझते हैं के मैं तुम्हारे हुस्न पर मरता हूँ,
अगर तुम भी यही समझते हो तो सुनो जब हुस्न खो दो तब लौट आना।
मैं अमन सिंह आपका स्वागत करता हूं अपने इस ब्लॉग पर, आपको यहां बहुत ही खूबसूरत शायरियों का कलेक्शन मिलेगा। मैं आशा करता हूं आपको ये शायरियां पसंद आयेगी।
धन्यवाद।।
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