चाँद पर बेहतरीन शायरी, स्टेटस, कोट्स इन हिन्दी | Top Shayri On Moon | Chand Par Shayri, Status, Quotes In Hindi
चाँद पर बेहतरीन शायरी, स्टेटस, कोट्स इन हिन्दी | Top Shayri On Moon | Chand Par Shayri, Status, Quotes In Hindi :-
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नहीं कर सकता हैं कोई वैज्ञानिक मेरी बराबरी,
मैं चाँद देखने साइकल से जाया करता था।
चाँद से नजदीकियां बढ़ने लगी है,
आदमी में फासला था, फासला है।
न चाहकर भी मेरे लब पर ये फरियाद आ जाती है,
ऐ चाँद सामने न आ किसी की याद आ जाती है।
सुबह हुई कि छेडने लगता है सूरज मुझको,
कहता है बडा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो।
मेरा और उस चाँद का मुक़द्दर एक जैसा है,
वो तारो में तन्हा मैं हजारो में तन्हा।
चलो चाँद का किरदार अपना लें हम दोस्तो,
दाग अपने पास रखें और रौशनी बाँट दें।
उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा,
आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा।
तुम बिन चाँद न देख सका टूट गई उम्मीद
बिन दर्पन बिन नैन के कैसे मनाएँ ईद
सब लोग फिर यही समझ जाते है,
एक चाँद का दीदार जनाब यही कर पाते हैं।
देखा हिलाल-ए-ईद तो आया तेरा ख़याल
वो आसमाँ का चाँद है तू मेरा चाँद है
मुन्तज़िर हूँ कि सितारों की जरा आँख लगे,
चाँद को छत पे बुला लूँगा इशारा करके।
कभी तो आसमान से चाँद उतरे जाम हो जाए,
तुम्हारे नाम की एक ख़ूबसूरत शाम हो जाए।
रात को रोज़ डूब जाता है…
चाँद को तैरना सिखाना है मुझे।
चाँद को तो चाहने वाले है सभी,
पर देखना ये है की चाँद किस पर फ़िदा होता है।
इजाजत हो तो मैं भी तुम्हारे पास आ जाऊँ,
देखों ना चाँद के पास भी तो एक सितारा है।
कितना भी कर ले, चाँद से इश्क़,
रात के मुक़द्दर मे, अँधियारे ही लिखे हैं।
खूबसूरत गज़ल जैसा है तेरा चाँद सा चेहरा,
निगाहे शेर पढ़ती हैं तो लब इरशाद करते है।
तुम आ गये हो तो फिर चाँदनी सी बातें हों,
जमीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है।
एक ये दिन हैं जब चाँद को देखे, मुद्दत बीती जाती है
एक वो दिन थे जब चाँद खुद, हमारी छत पे आया करता था
जिस चाँद के हजारों हो चाहने वाले दोस्त,
वो क्या समझेगा एक सितारे कि कमी को।
सूखी जामुन के पेड़ के रस्ते
छत ही छत पर जा रहा है चाँद
तू चाँद और मैं सितारा होता, आसमान में एक आशियाना हमारा होता,
लोग तुम्हे दूर से देखते,नज़दीक़ से देखने का, हक बस हमारा होता।
आज टूटेगा गुरूर चाँद का तुम देखना यारो,
आज मैंने उन्हें छत पर बुला रखा है।
दिन में चैन नहीं ना होश है रात में,
खो गया है चाँद भी देखो बादल के आगोश में।
क्यों मेरी तरह रातों को रहता है परेशान,
ऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है।
रात भर आसमां में हम चाँद ढूढ़ते रहे,
चाँद चुपके से मेरे आँगन में उतर आया।
ऐ! सनम जिसने तुझे चाँद सी सूरत दी है,
उसी अल्लाह ने मुझको भी मुहब्बत दी है।
हम-सफ़र हो तो कोई अपना सा
चाँद के साथ चलोगे कब तक
ऐ काश हमारी क़िस्मत में ऐसी भी कोई शाम आ जाए,
एक चाँद फ़लक पर निकला हो एक छत पर आ जाए।
क्यों मेरी तरह रातों को रहता है परेशान,
ऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है।
कल चौदहवी की रात थी रात भर रहा चर्चा तेरा,
कुछ ने कहा ये चाँद है, कुछ ने कहा चेहरा तेरा।
तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मैंने,
चाँद कहता रह गया मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ।
चाँद भी हैरान... दरिया भी परेशानी में है,
अक्स किस का है ये इतनी रौशनी पानी में है।
चाँद में नज़र कैसे आए तेरी सूरत मुझको,
आँधियों से आसमाँ का रंग मैला हो गया।
मैं अमन सिंह आपका स्वागत करता हूं अपने इस ब्लॉग पर, आपको यहां बहुत ही खूबसूरत शायरियों का कलेक्शन मिलेगा। मैं आशा करता हूं आपको ये शायरियां पसंद आयेगी।
धन्यवाद।।
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