चोट पर शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता इन हिन्दी | Chot Shayari Status In Hindi
चोट पर शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता इन हिन्दी | Chot Shayari Status In Hindi :-
Hindi Chot Shayari Status for Whatsapp is gievn below.In the Given below collection contain a True basic status in Hindi.
मत कर कोशिशे मेरे अजीज मेरे दर्द को समझने की,
तू इश्क कर, फिर चोट खा, फिर लिख दवा मेरे दर्द की।
सुना है उस को मोहब्बत दुआएँ देती है,
जो दिल पे चोट तो खाए मगर गिला न करे।
इस सलीके से मुझे क़त्ल किया है उसने,
दुनिया अब भी समझती है कि ज़िंदा हूँ मैं।
जिससे बहुत गहरी चोट खाये हुए है हम,
उसी से आज भी दिल लगाये हुए है हम।
नसीहतों से कह दो अभी मैं मगरूर हूँ,
हालांकि सच ये है कि बहुत मजबूर हूँ,
दिल का शहर, मरहम समझता है हमें,
चोट खाये आशिकों में, ऐसे मशहूर हूँ।
जिसकी चोट पर हमने सदा मरहम लगायें,
हमारे वास्ते फिर उसने नये खंजर मगायें।
याद किसी को करना यह बात नहीं जताने की,
दिल पर चोट देना आदत है जमाने की।
नज़र की चोट जिगर में रहे तो अच्छा है,
ये बात घर की है, घर में रहे तो अच्छा है।
दर्द बेचते है हम यहाँ लफ्जों में ढालकर,
अगर चोट पहुँचे तो गुस्ताखी माफ़ कीजिये।
चोट, दर्द, ख़ामोशी और तन्हाई
ये सब मैंने इश्क़ में पाई।
इश्क में हम तुम्हें क्या बताये,
किस कदर चोट खाएं हुए हैं,
मारा था कल बाप ने उसके,
आज भाई आए हुए हैं।
जिनके दिल पर लगती हैं चोट,
वो आँखों से नहीं रोते।
सुनो, जिसके दिल पर चोट लगती हैं ना।
वो आँखों से नहीं दिल से रोता हैं।।
दफना दिया जब सारा दर्द अपना,
वो कुरेद के पुछे दर्द कहां हैं।
जो चोट लगती थी तो माँ दौडी चली आती थी,
अब घाव खुद भर लेते हैं माँ को पता भी नहीं लगता।
कोई तो वास्ता हैं रूह का दिल से,
ये जख्म ही नहीं लफ्जो की चोट भी महसूस करता हैं।
आज फिर नींद को आँखों से बिछडते देखा,
आज फिर याद कोई चोट पुरानी आई।
कहा था न की तकलीफ में हैं हम,
शब्दों की चोट अब देना न हमें।
जहां चोट खाना वहीं मुस्कुराना,
मगर इस अदा से कि रो दे जमाना।
उम्र कोई भी हो चोट लगने पर मुँह से,
पहला लफ्ज माँ ही निकलता हैं।
अब ये भी नही ठीक कि हर दर्द मिटा दें,
कुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए हैं।
तुम कहो तो हम तुम्हारी जिन्दगी से ऐसे निकल जाए,
जैसे किसी गहरी चोट के बाद आँख से आँसू।
जरा सम्भल कर चलिएगा इस इश्क में साहिब,
लोग पत्थर दिल हैं चोट लग सकती हैं।
माना कि दिल की चोट दिखती नहीं,
पर मतलब यह तो नहीं की वो दुखती नहीं।
कभी चोट खाई कभी दिल सम्भाला,
मुहब्बत भी एक खेल था खेल डाला।
टूट जाता हैं शीशा पत्थर की चोट से,
टूट जाए पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो।
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