Shayri On Eyes | Aankhein Shayri Status In Hindi | आंखों पर शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता इन हिन्दी
Shayri On Eyes | Aankhein Shayri Status In Hindi | आंखों पर शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता इन हिन्दी :-
दोस्तों आंख पर शेर ओ शायरी का एक अच्छा संकलन हम यहां पर प्रकाशित कर रहे है, उम्मीद है यह आपको पसंद आएगा और आप विभिन्न शायरों और लेखको के “आँख” के बारे में खयालात जान सकेंगे। अगर आपके पास भी “आँख” पर शायरी हैं तो उसे कमेन्ट बॉक्स में ज़रूर लिखें।
यूँ ही गुजर जाती हैं शाम अंजुमन में,
कुछ तेरी आंखों के बहाने कुछ तेरी बातों के बहाने।
दिन सुरमई सा निकला हैं,
उसने आंखों में सुरमा लगाया होगा।
वो ना देख सके मेरे बाद किसी और को,
बस इसलिए उसके आंखों पर मुक्का मार के आया हूं।
आंखे पढ़ो और जानो हमारी रजा क्या हैं,
हर बात लफ्जो से हो तो मजा क्या हैं।
मेरे आंखे देख👀
डुबने का हौसला हैं तुममे।
कुछ कहो तो शरमा जाती है आंखे
बिन बोले, बहुत कुछ कह जाती हैं आंखे।
जो बोल ना पाऊं मैं
तो मेरी आंखो झांक लेना तुम
जो नैना चमके मेरी
तो मेरी खुशी जान लेना तुम
जो नमी हो नैनों में मेरे
तो मेरी उदासी मान लेना तुम
इस तरह से बिना बोले
मेरे भावों को पहचान लेना तुम।
तेरे दिल के सारे राज खोलती है,
तुझसे ज्यादा तेरी आंखे बोलती है।
उफ्फ ये झील जैसी आंखे तेरी,
इसमें तैरूं या डूबकर मर जाऊं।
इकरार में शब्दों की एहमियत नहीं होती,
दिल के जज़्बात की आवाज़ नहीं होती,
आँखें बयान कर देती है दिल की दास्तान,
मोहब्बत लफ्जों की मोहताज नहीं होती।
एक नजर देख ले हमे जीने की इजाजत दे दे,
ए रुठने वाले... वो पहली सी मोहब्बत दे दे।
जब भी देखता हूँ मुझसे हरबार नज़रें चुरा लेती है,
मैंने कागज़ पर भी बना के देखी हैं आँखें उसकी।
जो सूरुर है तेरी आँखों में वो बात कहां मैखाने में,
बस तू मिल जाए तो फिर क्या रखा है ज़माने में।
वो बोलते रहे… हम सुनते रहे…
जवाब आँखों में था वो जुबान में ढूंढते रहे।
मुस्कुरा के देखा तो कलेजे में चुभ गयी,
खँजर से भी तेज़ लगती हैं आँखें जनाब की।
फर्याद कर रही हैं तरसती हुई निगाहें,
देखे हुए किसी को… बहुत दिन गुज़र गए।
मेरी निगाह-इ-शौक़ भी कुछ कम नहीं मगर,
फिर भी तेरा शबाब तेरा ही शबाब है।
तेरी निगाह में, एक रंग-ए-अजनबियत था,
किस ऐतेबार पे हम खुल के गुफ्तुगू करते।
निगाहे बोलती हैं जब जुबा खामोश रहती है,
दिलों की धड़कने ही तब दिलों की बात कहती हैं।
बिन बोले, बहुत कुछ कह जाती हैं आंखे।
जो बोल ना पाऊं मैं
तो मेरी आंखो झांक लेना तुम
जो नैना चमके मेरी
तो मेरी खुशी जान लेना तुम
जो नमी हो नैनों में मेरे
तो मेरी उदासी मान लेना तुम
इस तरह से बिना बोले
मेरे भावों को पहचान लेना तुम।
तेरे दिल के सारे राज खोलती है,
तुझसे ज्यादा तेरी आंखे बोलती है।
उफ्फ ये झील जैसी आंखे तेरी,
इसमें तैरूं या डूबकर मर जाऊं।
इकरार में शब्दों की एहमियत नहीं होती,
दिल के जज़्बात की आवाज़ नहीं होती,
आँखें बयान कर देती है दिल की दास्तान,
मोहब्बत लफ्जों की मोहताज नहीं होती।
एक नजर देख ले हमे जीने की इजाजत दे दे,
ए रुठने वाले... वो पहली सी मोहब्बत दे दे।
जब भी देखता हूँ मुझसे हरबार नज़रें चुरा लेती है,
मैंने कागज़ पर भी बना के देखी हैं आँखें उसकी।
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जो सूरुर है तेरी आँखों में वो बात कहां मैखाने में,
बस तू मिल जाए तो फिर क्या रखा है ज़माने में।
वो बोलते रहे… हम सुनते रहे…
जवाब आँखों में था वो जुबान में ढूंढते रहे।
मुस्कुरा के देखा तो कलेजे में चुभ गयी,
खँजर से भी तेज़ लगती हैं आँखें जनाब की।
फर्याद कर रही हैं तरसती हुई निगाहें,
देखे हुए किसी को… बहुत दिन गुज़र गए।
मेरी निगाह-इ-शौक़ भी कुछ कम नहीं मगर,
फिर भी तेरा शबाब तेरा ही शबाब है।
तेरी निगाह में, एक रंग-ए-अजनबियत था,
किस ऐतेबार पे हम खुल के गुफ्तुगू करते।
निगाहे बोलती हैं जब जुबा खामोश रहती है,
दिलों की धड़कने ही तब दिलों की बात कहती हैं।
पर्दा करती हो तो करो
हम तो फिर भी प्यार करेंगे,
भला जिनकी आंखे इतनी खूबसूरत हो,
तो चेहरा तो माशाल्लाह होगा।
आँखों से आसू बहाना उनके लिए, जो तुम पर निसार हो।
उनके लिए क्या रोना, जिनके आशिक हज़ार हो।।
उसने आँखों से आँखें जब मिला दी,
हमारी ज़िन्दगी झूम कर मुस्कुरा दी,
जुबान से तो हम कुछ न कह सके,
पर आँखों ने दिल की कहानी सुना दी।
मुझ से कहती थी वो शराबी आँखे,
आप वो जहर मत पिया कीजिये।
शोर न कर धड़कन ज़रा, थम जा कुछ पल के लिए,
बड़ी मुश्किल से मेरी आखों में उसका ख्वाब आया है।
हसीं तेरी आँखें, हसीं तेरे आँसू
यहीं डूब जाने को जी चाहता है
इश्क़ के फूल खिलते हैं
तेरी खूबसूरत आँखों में,
जहाँ देखे तू एक नजर वहां खुशबु बिखर जाए।
आखों के निचे काले घेरे बताते है,
होठों पर जो मुस्कान है झूठी है।
निगाहों से कितना दूर करोगे,
खयालो से दूर करो तो जाने।
आंसू आए तो खुद पोछना,
लोग पोछेंगे तो सौदा करेंगे।
तेरी निगाह दिल से जिगर तक उतर गयी,
दोनों को ही एक अदा में रजामंद कर गई।
डूब कर तेरी झील सी गहरी आँखों में,
एक मयकश भी शायद पीना भूल जाए।
रुख़्सत करने के आदाब निभाने ही थे,
बंद आँखों से उस को जाता देख लिया है।
नकाब तो उनका सर से लेकर पाँव तक था,
मगर आँखें बयान कर रही थी की मोहब्बत की शौक़ीन वो भी थी।
साकी देख ज़माने ने कैसी तुहमत लगायी है,
आंखें तेरी नशीली है शराबी मुझे कहते है।
ये आँखें है जो तुम्हारी किसी ग़ज़ल की तरह खुबसूरत है,
कोई पढ़ ले इन्हें एक दफा तो शायर हो जाए।
आँखों-आँखों में गुजरी है ये रात,
अभी भी शायद अधूरी है आँखों की बात।
तलब ना मिट पाई तेरे दीदार से जीत की,
चाहे एक नज़र देखता रहा तेरी सूरत सारी रात।
मैं डर रहा हूँ तुम्हारी नशीली आँखों से
कि लूट लें न किसी रोज़ कुछ पिला के मुझे
अगर है गहराई तो चल डुबा दे मुझ को,
समंदर नाकाम रहा अब तेरी आँखो की बारी हैं।
उस की आँखों को ग़ौर से देखो
मंदिरों में चराग़ जलते हैं।
आँखें थी जो कह गयी सब कुछ
लफ्ज़ होतें तो मुकर गए होतें
आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ हो
नज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है।
हम मोहब्बत का सबक़ भूल गए,
तेरी आँखों ने पढ़ाया क्या है।
झील अच्छा, कँवल अच्छा के जाम अच्छा है,
तेरी आँखों के लिए कौन सा नाम अच्छा है।
लिखा है तेरी आँखों में किसका अफ़साना
अगर इसे समझ सको, मुझे भी समझना
मुझे मालूम है तुमने बहुत बरसातें देखी है
मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है
लड़ने को दिल जो चाहे तो आँखें लड़ाइए
हो जंग भी अगर तो मज़ेदार जंग हो
जाने क्यों डूब जाता हूँ हर बार इन्हें देख कर,
इक दरिया हैं या पूरा समंदर हैं तेरी आँखें।
खुलते हैं मुझ पे राज कई इस जहान के,
उसकी हसीन आँखों में जब झाँकता हूँ मैं।
तुम्हारी आँखों की ‘तौहीन’ है ज़रा सोचो,
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है।
मेरे होठों ने हर बात छुपा कर रखी थी,
आँखों को ये हुनर कभी आया ही नहीं।
एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है,
तुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना।
उदास आँखों से आँसू नहीं निकलते हैं,
ये मोतियों की तरह सीपियों में पलते हैं।
तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
अब आँख भर आती है पर तुम नज़र नहीं आते।
लोग नज़रों को भी पढ़ लेते हैं,
अपनी आँखों को झुकाए रखना।
जो उन मासूम आँखों ने दिए थे,
वो धोखे आज तक मैं खा रहा हूँ।
मैं अमन सिंह आपका स्वागत करता हूं अपने इस ब्लॉग पर, आपको यहां बहुत ही खूबसूरत शायरियों का कलेक्शन मिलेगा। मैं आशा करता हूं आपको ये शायरियां पसंद आयेगी।
धन्यवाद।।
हम तो फिर भी प्यार करेंगे,
भला जिनकी आंखे इतनी खूबसूरत हो,
तो चेहरा तो माशाल्लाह होगा।
आँखों से आसू बहाना उनके लिए, जो तुम पर निसार हो।
उनके लिए क्या रोना, जिनके आशिक हज़ार हो।।
उसने आँखों से आँखें जब मिला दी,
हमारी ज़िन्दगी झूम कर मुस्कुरा दी,
जुबान से तो हम कुछ न कह सके,
पर आँखों ने दिल की कहानी सुना दी।
मुझ से कहती थी वो शराबी आँखे,
आप वो जहर मत पिया कीजिये।
शोर न कर धड़कन ज़रा, थम जा कुछ पल के लिए,
बड़ी मुश्किल से मेरी आखों में उसका ख्वाब आया है।
हसीं तेरी आँखें, हसीं तेरे आँसू
यहीं डूब जाने को जी चाहता है
इश्क़ के फूल खिलते हैं
तेरी खूबसूरत आँखों में,
जहाँ देखे तू एक नजर वहां खुशबु बिखर जाए।
आखों के निचे काले घेरे बताते है,
होठों पर जो मुस्कान है झूठी है।
निगाहों से कितना दूर करोगे,
खयालो से दूर करो तो जाने।
आंसू आए तो खुद पोछना,
लोग पोछेंगे तो सौदा करेंगे।
तेरी निगाह दिल से जिगर तक उतर गयी,
दोनों को ही एक अदा में रजामंद कर गई।
डूब कर तेरी झील सी गहरी आँखों में,
एक मयकश भी शायद पीना भूल जाए।
रुख़्सत करने के आदाब निभाने ही थे,
बंद आँखों से उस को जाता देख लिया है।
नकाब तो उनका सर से लेकर पाँव तक था,
मगर आँखें बयान कर रही थी की मोहब्बत की शौक़ीन वो भी थी।
साकी देख ज़माने ने कैसी तुहमत लगायी है,
आंखें तेरी नशीली है शराबी मुझे कहते है।
आंखे शायरी, आंखों की तारीफ के शायरी, खूबसूरत आँखे के शायरी, निगाह पर शायरी, नशीली शायरी , मेरी आँखों पर बेहतरीन शायरी , आँखें शायरी २ लाइन , आंखों पर मस्त नशीली शायरी , खूबसूरत आँखों की दीदार शायरी :-
ये आँखें है जो तुम्हारी किसी ग़ज़ल की तरह खुबसूरत है,
कोई पढ़ ले इन्हें एक दफा तो शायर हो जाए।
आँखों-आँखों में गुजरी है ये रात,
अभी भी शायद अधूरी है आँखों की बात।
तलब ना मिट पाई तेरे दीदार से जीत की,
चाहे एक नज़र देखता रहा तेरी सूरत सारी रात।
मैं डर रहा हूँ तुम्हारी नशीली आँखों से
कि लूट लें न किसी रोज़ कुछ पिला के मुझे
अगर है गहराई तो चल डुबा दे मुझ को,
समंदर नाकाम रहा अब तेरी आँखो की बारी हैं।
उस की आँखों को ग़ौर से देखो
मंदिरों में चराग़ जलते हैं।
आँखें थी जो कह गयी सब कुछ
लफ्ज़ होतें तो मुकर गए होतें
आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ हो
नज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है।
हम मोहब्बत का सबक़ भूल गए,
तेरी आँखों ने पढ़ाया क्या है।
झील अच्छा, कँवल अच्छा के जाम अच्छा है,
तेरी आँखों के लिए कौन सा नाम अच्छा है।
लिखा है तेरी आँखों में किसका अफ़साना
अगर इसे समझ सको, मुझे भी समझना
मुझे मालूम है तुमने बहुत बरसातें देखी है
मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है
लड़ने को दिल जो चाहे तो आँखें लड़ाइए
हो जंग भी अगर तो मज़ेदार जंग हो
जाने क्यों डूब जाता हूँ हर बार इन्हें देख कर,
इक दरिया हैं या पूरा समंदर हैं तेरी आँखें।
खुलते हैं मुझ पे राज कई इस जहान के,
उसकी हसीन आँखों में जब झाँकता हूँ मैं।
तुम्हारी आँखों की ‘तौहीन’ है ज़रा सोचो,
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है।
मेरे होठों ने हर बात छुपा कर रखी थी,
आँखों को ये हुनर कभी आया ही नहीं।
एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है,
तुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना।
उदास आँखों से आँसू नहीं निकलते हैं,
ये मोतियों की तरह सीपियों में पलते हैं।
तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
अब आँख भर आती है पर तुम नज़र नहीं आते।
लोग नज़रों को भी पढ़ लेते हैं,
अपनी आँखों को झुकाए रखना।
जो उन मासूम आँखों ने दिए थे,
वो धोखे आज तक मैं खा रहा हूँ।
मैं अमन सिंह आपका स्वागत करता हूं अपने इस ब्लॉग पर, आपको यहां बहुत ही खूबसूरत शायरियों का कलेक्शन मिलेगा। मैं आशा करता हूं आपको ये शायरियां पसंद आयेगी।
धन्यवाद।।
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