अनाज शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता इन हिन्दी | फसल कटाई शायरी | Aanaz Shayri Status In Hindi
अनाज शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता इन हिन्दी | फसल कटाई शायरी | Aanaz Shayri Status In Hindi :-
दोस्तों अनाज पर शेर ओ शायरी का एक अच्छा संकलन हम यहां पर प्रकाशित कर रहे है, उम्मीद है यह आपको पसंद आएगा और आप विभिन्न शायरों और लेखको के “अनाज” के बारे में खयालात जान सकेंगे। अगर आपके पास भी “अनाज” पर शायरी हैं तो उसे कमेन्ट बॉक्स में ज़रूर लिखें।
हम आशा हैं इन शायरीयो को पढ़ कर अनाज की कीमत और किसानों के दर्द को अवश्य समझ सकेंगे।अगर ये आर्टिकल आपको पसंद आये तो अपनों परिवार के साथ अवश्य शेयर करे।
बिक गए खेत भी, पड़ गये अनाज कम
मूल भी क्या कहें, चुका ना पाये ब्याज हम
न सोना न चाँदी उसके सामने यहां कोई औकात होगी,
जब भुख मिटाने के लिए एक मुट्ठी अनाज की बात होगी।
टुटा-फुटा घर मेरा, बस दो वक्त की रोटी हैं
हम बुरी हालातो से लड़ने वाले किसान, हमारी जिन्दगी बहुत छोटी हैं।
अनाज की कीमत दोनों को रूला रही हैं,
बेचने वाले किसानों को 10 रूपये/किलो
और खरीदने वाले ग्राहकों को 30 रूपये/किलो
अकाल हो अगर अनाज का तब मानव मरता है,
किन्तु अकाल हो अगर संस्कारों का तो मानवता मरती है।
हर एक घर में दिया भी जले अनाज भी हो
अगर न हो कहीं ऐसा तो एहतिजाज भी हो
रहेगी वादों में कब तक असीर ख़ुश-हाली
हर एक बार ही कल क्यूँ कभी तो आज भी हो
न करते शोर-शराबा तो और क्या करते
तुम्हारे शहर में कुछ और काम-काज भी हो
हुकूमतों को बदलना तो कुछ मुहाल नहीं
हुकूमतें जो बदलता है वो समाज भी हो
बदल रहे हैं कई आदमी दरिंदों में
मरज़ पुराना है इस का नया इलाज भी हो
अकेले ग़म से नई शाइरी नहीं होती
ज़बान-ए-'मीर' में 'ग़ालिब' का इम्तिज़ाज भी हो
कीमत तो खूब बड़ गई शहरों मे धान की,
बेटी विदा न हो सकी फिर भी किसान की।
लोग कहते हैं बेटी को मार डालोगे,तो बहू कहाँ से पाओगे?
जरा सोचो किसान को मार डालोगे, तो अनाज कहाँ से लाओगे?
बोआई का काज, उगाते अनाज।
देश का प्रधान, हम हैं किसान।।
वह गलीब भटकता रहा दर-दर उसको मिला कही खाना नही,
हम यू ही भेंक देते खाना कचरे में, अनाज को मोल हमने जाना नहीं।
अन्य महत्वपूर्ण बातें :-
अगर आपको ये वेबसाइट अच्छी, दमदार, मस्त लगे तो इसे Bookmark करे
कमेंट बॉक्स में अपने दिल की बात जरूर लिखे ।
यह साइट देखने के लिए धन्यवाद् , आपका यहाँ फिर इंतज़ार रहेगा ।
Comments
Post a Comment