इश्क शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता | Best Ishk Shayari, Status, Quotes, Poetry & Thoughts
इश्क शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता | Best Ishk Shayari, Status, Quotes, Poetry & Thoughts :-
Find the Best Ishk Shayari, Status, Quotes from top Writer's only on हिन्दी Express. Also find trending photos.
चलते थे इस जहाँ में कभी सीना तान के हम,
ये कम्बख्त इश्क़ क्या हुआ घुटनो पे आ गए हम।
घुटन सी होने लगी है, इश्क़ जताते हुए,
मैं खुद से रूठ जाता हूँ, तुम्हे मनाते हुए।
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश 'ग़ालिब',
कि लगाए न लगे और बुझाए न बने।
इश्क़ का रोग उन के बस का नहीं,
दूर से वो सलाम करते हैं।
इश्क़ का रोग कि दोनों से छुपाया न गया,
हम थे सौदाई तो कुछ वो भी दिवाने निकले।
इश्क़ में पहले तो बीमार बना देते हैं,
फिर पलटते ही नहीं रोग लगाने वाले।
टाइम पास करना होता हो शिमला, मनाली या गोवा 🏖️जाता,
तुझसे प्यार करता हु इस लिए तेरे पीछे हु !
जो मिलते है वो बिछड़ते भी है, हम नादान थे..
जो एक शाम की मुलाक़ात को इश्क़ समझ बैठे !!
रिश्ता हो तो Tom एंड Jerry जैसा,
लड़ते भी रहे और एक दुसरे के बिना रह भी न सके !
जिस दिन तेरी मेरी बात नहीं होती ,
दिन नहीं गुजरता रात नहीं होती।
कितनी मासूमियत से उन्होंने हमें अपनी “जान ” कह कर हमें “बेजान ” कर दिया
ढलती शाम और भागती जिन्दगी के बीच …. ये तुमसे बेवजह की बातें सुनो यही इश्क है।
मोहब्बत का कोई रंग नहीं फिर भी वो रंगीन है, प्यार का कोई चेहरा नहीं फिर भी वो हसीन है।
मत देखो हमें तुम यूँ इस कदर, इश्क़ तुम कर बैठोगे और इलज़ाम हम पे लग जायेगा।
होगी कितनी चाहत उस दिल में, जो खुद ही मान जाये कुछ पल खफा होने के बाद।
कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी…हजारो अपने है मगर याद सिर्फ तुम ही आते हो।
हम एस कदर तुम पर मर मिटेंगे,
तुम जहाँ देखोगे तुम्हे हम ही दिखेंगे।
शायरी उसी के लबों पर सजती है साहिब,
जिसकी आँखों में इश्क़ रोता हो।
कुछ तो शराफत सीख ले, ऐ इश्क़ शराब से,
बोतल पे लिखा तो होता है, मैं जानलेवा हूँ।
देखते हैं अब क्या मुकाम आता है साहब,
सूखे पत्ते को इश्क हुआ है बहती हवा से।
वो कहता है की बता तेरा दर्द कैसे समझू,
मैंने कहा की इश्क़ कर और कर के हार जा।
एक बार उलझना चाहते हैं तुम्हारे इश्क़ में हम,
बहुत कुछ सुलझाने के लिए।
इश्क़ की कोई मंजिल नहीं होती,
बस सफर ही खूबसूरत होता है।
सस्ता सा कोई इलाज बता दो इस मोहब्बत का,
एक ग़रीब इश्क़ कर बैठा है।
इंकार जैसी लज्जत इक़रार में कहां,
बढ़ता रहा इश्क ग़ालिब, उसकी नही-नही से।
इश्क ने कब इजाजत ली है आशिकों से,
वो होता है और होकर ही रहता है।
अब छोड़ दिया है “इश्क़” का “स्कूल”हमने भी,
हमसे अब “मोहब्बत” की “फीस” अदा नही होती।
तुम्हारे इश्क़ का मौसम,
हर मौसम से सुहाना होता है।
इश्क चख लिया था इत्तफ़ाक से,
ज़बान पर आज भी दर्द के छाले हैं।
धुआँ धुआँ सा लग रहा है शहर में,
लगता है किसी का इश्क़ जल रहा है ठंड में।
इश्क़ के चर्चे भले ही सारी दुनिया में होते होंगे,
पर दिल तो ख़ामोशी से ही टूटते हैं।
अभी तो राख ही हुए है तेरे इश्क में,
मेरे बिखरने का खेल तो अभी बाकी है।
इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद,
अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता।
इश्क़ अगर खाक न कर दे,
तो क्या खाक इश्क़ हुआ।
एक सुकून सा मिलता है तुझे सोचने पर भी,
फिर कैसे कहूं मेरा इश्क़ बेवजह है।
हदो में रह कर भी जो हद में ना रहे वही इश्क़ है।
दोबारा इश्क़ हुआ तो तुमसे ही होगा,
खफा हूँ मैं बेवफा नहीं।
तुम चुन सकते हो हमसफर नया,
मेरा तो इश्क़ है मुझे इज़ाज़त नहीं।
किसी ने थोड़ा सा वक़्त दिया था मुझे,
मैंने आज तक उसे इश्क़ समझ कर संभाल रखा है।
इश्क़ लिखने को इश्क़ होना बहुत जरूरी है,
जहर का स्वाद बिना पिए कोई कैसे बताएगा।
उसी से पूछ लो उसके इश्क की कीमत,
हम तो बस भरोसे पे बिक गए।
बहुत नज़दीक आती जा रही हो,
बिछड़ने का इरादा कर लिया है क्या।
मेरी बहादुरी के किस्से मशहुर थे शहर में,
तुझे खो देने के डर ने कायर बना दिया।
इश्क का दस्तूर ही ऐसा है,
जो इस को जान लेता है ये उसकी जान लेता है।
उससे कह दो कि मेरी सज़ा कुछ कम कर दे,
हम पेशे से मुज़रिम नहीं हैं बस गलती से इश्क हुआ था।
इश्क में जिस ने भी बुरा हाल बना रखा है,
वही कहता है अजी इश्क में क्या रखा है।
इश्क की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सही,
दर्द कम हो कि ज्यादा हो मगर हो तो सही।
अनजान सी राहों पर चलने का तजुर्बा नहीं था,
इश्क़ की राह ने मुझे एक हुनरमंद राही बना दिया।
अकेले हम ही शामिल नहीं हैं इस जुर्म में जनाब,
नजरें जब भी मिली थी मुस्कराये तुम भी थे।
इक बात कहूँ इश्क़ बुरा तो नहीं मानोगे,
बड़ी मौज के थे दिन तुमसे पहचान से पहले।
Comments
Post a Comment