इजहार शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता | Best Izhaar Shayari, Status, Quotes, Poetry & Thoughts
इजहार शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता | Best Izhaar Shayari, Status, Quotes, Poetry & Thoughts :-
Find the Best Izhaar Shayari, Status, Quotes from top Writer's only on हिन्दी Express. Also find trending photos.
इज़हार कर देना वरना,
एक ख़ामोशी उम्रभर का इंतजार बन जाती है।
हमने हमारे इश्क़ का, इज़हार यूँ किया,
फूलों से तेरा नाम, पत्थरों पे लिख दिया।
इज़हार-ए-मुहब्बत के बाद भी मुहब्बत आधी-अधूरी रह जाए,
इससे तो बेहतर होगा कि मुहब्बत इक तरफ़ा ही निभाई जाए।
यार बता दे ज़रा कैसे करुँ मेँ इजहार ए इश्क?
शायरी वह समझती नहीँ और अदाए हमें आती नहीँ।
तेरी आँखो का इज़हार मै पढ़ सकता हूँ पगली,
किसी को अलविदा युँ मुस्कुराकर नहीं कहते।
अच्छा लगता हैं तेरा नाम मेरे नाम के साथ,
जैसे कोई सुबह जरूरी हो किसी हसीन शाम के साथ।
चलो माना कि हमें प्यार का इज़हार करना नहीं आता,
जज़्बात न समझ सको इतने नादान तो तुम भी नहीं।
दुनिया तेरे वजूद को करती रही तलाश,
हमने तेरे ख्याल को दुनिया बना लिया।
मुक्तसर सी ज़िन्दगी है मेरी तेरे साथ जीना चाहता हूँ,
कुछ नहीं मांगता खुदा से बस तुझे मांगता हूँ।
मुझे मेरे कल कि फिक्र तो आज भी नही है,
पर ख्वाहिश तुझे पाने कि कयामत तक रहेगी।
किसी भी तरह वो इज़हार तो करे इक बार,
नज़र से कह के ज़ुबाँ से भले मुकर जाये।
चाह कर भी इश्क़-ए-इज़हार जो हम कर ना सके,
हमारी ख़ामोशी पढ़ लो तुम और क़ुबूल कर लो हमें।
हैं सौ तरीक़े और भी ऐ बे-क़रार दिल,
इज़हार-ए-शिकवा शिकवे के अंदाज़ में न हो।
अच्छा करते है वो लोग जो मोहब्बत का इज़हार नहीं करते,
ख़ामुशी से मर जाते है मगर किसी को बदनाम नहीं करते।
जिस्म से होने वाली मुहब्बत का इज़हार आसान होता है,
रुह से हुई मुहब्बत को समझाने में ज़िन्दगी गुज़र जाती है।
उनकी ये ख्वाहिश हैं कि हम जुबान से इजहार करें,
हमारी ये आरजू हैं कि वो दिल की जुबान समझ ले।
तुझसे मैं इजहार-ऐ-मोहब्बत इस लिए नहीं करता,
सुना हैं बरसने के बाद बादलों की अहमियत नही रहती।
उन्होने अपने लबो से लगाया और छोड़ दिया,
वे बोले इतना जहर काफी है तेरी कतरा कतरा मौत के लिए।
मैं अमन सिंह आपका स्वागत करता हूं अपने इस ब्लॉग पर, आपको यहां बहुत ही खूबसूरत शायरियों का कलेक्शन मिलेगा। मैं आशा करता हूं आपको ये शायरियां पसंद आयेगी।
धन्यवाद।।
इज़हार कर देना वरना,
एक ख़ामोशी उम्रभर का इंतजार बन जाती है।
हमने हमारे इश्क़ का, इज़हार यूँ किया,
फूलों से तेरा नाम, पत्थरों पे लिख दिया।
इज़हार-ए-मुहब्बत के बाद भी मुहब्बत आधी-अधूरी रह जाए,
इससे तो बेहतर होगा कि मुहब्बत इक तरफ़ा ही निभाई जाए।
यार बता दे ज़रा कैसे करुँ मेँ इजहार ए इश्क?
शायरी वह समझती नहीँ और अदाए हमें आती नहीँ।
तेरी आँखो का इज़हार मै पढ़ सकता हूँ पगली,
किसी को अलविदा युँ मुस्कुराकर नहीं कहते।
अच्छा लगता हैं तेरा नाम मेरे नाम के साथ,
जैसे कोई सुबह जरूरी हो किसी हसीन शाम के साथ।
चलो माना कि हमें प्यार का इज़हार करना नहीं आता,
जज़्बात न समझ सको इतने नादान तो तुम भी नहीं।
दुनिया तेरे वजूद को करती रही तलाश,
हमने तेरे ख्याल को दुनिया बना लिया।
मुक्तसर सी ज़िन्दगी है मेरी तेरे साथ जीना चाहता हूँ,
कुछ नहीं मांगता खुदा से बस तुझे मांगता हूँ।
मुझे मेरे कल कि फिक्र तो आज भी नही है,
पर ख्वाहिश तुझे पाने कि कयामत तक रहेगी।
किसी भी तरह वो इज़हार तो करे इक बार,
नज़र से कह के ज़ुबाँ से भले मुकर जाये।
चाह कर भी इश्क़-ए-इज़हार जो हम कर ना सके,
हमारी ख़ामोशी पढ़ लो तुम और क़ुबूल कर लो हमें।
हैं सौ तरीक़े और भी ऐ बे-क़रार दिल,
इज़हार-ए-शिकवा शिकवे के अंदाज़ में न हो।
अच्छा करते है वो लोग जो मोहब्बत का इज़हार नहीं करते,
ख़ामुशी से मर जाते है मगर किसी को बदनाम नहीं करते।
जिस्म से होने वाली मुहब्बत का इज़हार आसान होता है,
रुह से हुई मुहब्बत को समझाने में ज़िन्दगी गुज़र जाती है।
उनकी ये ख्वाहिश हैं कि हम जुबान से इजहार करें,
हमारी ये आरजू हैं कि वो दिल की जुबान समझ ले।
तुझसे मैं इजहार-ऐ-मोहब्बत इस लिए नहीं करता,
सुना हैं बरसने के बाद बादलों की अहमियत नही रहती।
उन्होने अपने लबो से लगाया और छोड़ दिया,
वे बोले इतना जहर काफी है तेरी कतरा कतरा मौत के लिए।
मैं अमन सिंह आपका स्वागत करता हूं अपने इस ब्लॉग पर, आपको यहां बहुत ही खूबसूरत शायरियों का कलेक्शन मिलेगा। मैं आशा करता हूं आपको ये शायरियां पसंद आयेगी।
धन्यवाद।।
Comments
Post a Comment